हृदय से इस पृष्ठ पर आप सभी का आदर करते हैं। Hindi DNA की वेबसाइट उन तमाम जनसंख्या के लिए Hindi Short Stories with Moral की खास शृंखला लाए हैं। यह खास उनके लिए हैं जिनके पास वक्त की कमी को हर गुजरते दिन महसूस करना पड़ता है।
Hindi Short Stories with Moral का असल उद्देश्य अपने पाठकों में लघु कथाओं के माध्यम से उनके भीतर नैतिकता का विस्तार करना है। इसके लिए हमने कई पुरानी Hindi Short Stories with Moral के भाग लिए हैं और उसे अपनी समझ के मुताबिक आसान बनाकर यहाँ पर प्रस्तुत करने की कोशिश की है। आसान भाषा में लिखने का हमारा कारण यह भी है, ताकि हम अपनी मुख्य बातों को कथाओं की शिक्षा को लोगों तक आसानी से पहुंचा सके। उम्मीद है यह कोशिश आप तक अवश्य पहुंचेगी।
#1 लघु Hindi Kahani:- दोस्ती अमृत है
खूबसूरती का चौला ओढ़े एक वाटिका में चार भिन्न जीव जिनकी घनिष्ठ संबंध पूरे वन में छाया हुआ था। इन चार जीवों में एक हिरण, एक चूहा, एक कौआ और एक कछुआ था। चारों की भिन्न भिन्न विशेषताएं थी। एक भरी दोपहर यह चारों जीव इकट्ठे होकर सभा बिठाते थे।
परन्तु यह दोपहर उन सब दोस्तों के जीवन का भिन्न दिवस था अर्थात इस दिवस उनका एक मित्र जो कि हिरण था, वे गायब था। तीनों मित्रों ने पूरे वन में अपने हिरण दोस्त को ढूंढने के लिए प्रयास किया। वे जंगल के अन्य हिरणों से भी मिले। परन्तु उनसे भी उन्हें अपने दोस्त के बारे में पता नहीं चला।
अब दोपहर से शाम हो चुकी थी। अब वे अपने दोस्त के मिलने की आशा भी ख़ो चुके थे। तभी वापस आते हुए राह में उन्हें अपना दोस्त हिरण एक अंजान जगह पर बंधी रूप में मिला। उसके आस पास एक शिकारी घूम रहा था, शायद किसी अन्य शिकार के खोज में था।
तीनों मित्रों ने अपने मित्र को इस अवस्था में देखकर एक युक्ति बनाई। जिसके तहत कार्य में एक कौआ और एक चूहा लगा। कौआ का काम शिकार का ध्यान भटकाने का था। इसके लिए वह एक पेड़ पर ऐसे बैठ गया जिससे शिकार को यह लगे कि कौए को मालूम नहीं कि शिकार उसके पास ही है।
अब शिकार के नेत्र कौए को ही निहार रहे थे। उसका हिरण से ध्यान बिल्कुल ही नहीं था। वह शिकारी अपना निशाने पर केंद्रित कर रहा था कि चूहे ने इस अवसर का फायदा उठाकर उस जाले को जल्द से कुतर दिया। हिरण की खुशी के मारे बेहद जोर से आवाज निकली जिससे कौए को यह आभास हो गया कि हिरण अब आजाद है। वे भी उसी वक्त उड़ चुका था। शिकारी अपनी हर स्वीकार कर चुका था।
परिणाम:- एकता ही इंसान की सबसे प्रमुख ताकत है। व्यक्ति हर मुकाम की सफलता का श्रेय अधिकतर स्वंय को देते हैं, जो सही भी है क्योंकि उसने वाकई मेहनत की होती है, परन्तु असल में हर सफल इंसान के साथ कई अन्य का भी हाथ होता है, जो सफल व्यक्ति के साथ मजबूती से खड़े होते हैं।
#2 Hindi Short Story:- अरे!, यह खरगोश तो चतुर है
शेर की किस्मत में राज सिहांसन का योग लिखा हुआ होता है। इसी योग ने उसे एक बेहद ही खूबसूरती से जीव जंतुओं से भरपूर वाटिका का राज संभाल दिया। शेर को अपनी जिंदगी में सभी कुछ मिला राजा बनने का गौरव और शेर होने के नाते सभी से डर भरी इज्जत।
खाना तो वे जंगल मे घूमते हुए जानवरों को खा लेता था। शेर को मिला तो सब कुछ लेकिन जो नहीं मिला था वह है सोचने की क्षमता। वह शेर किसी के भाव को नहीं समझ पाता था और जंगल में मौजूद हर जीवों को अपनी पेट की भूख को शांत करने के लिए इस्तेमाल करता।
इस स्थिति से जंगल वाले बेहद परेशान होने लगे। उन्होंने एक सभा बुलाई जिसमे जंगल के सभी जानवर, चिड़िया मौजूद थे। इनमें टेंशन के पसीने साफ दिखाई दे रहे थे। लेकिन इस सभा में एक खरगोश बेहद आराम से गाजर खाते हुए बैठा था। उसे मर जाने का कोई चिंता ही नहीं थी।
कुछ ही देर में सभा बुलाने का निष्कर्ष निकला जिसमें शेर के पापी इरादों से बचने हेतु यह कहा गया कि अब से शेर शिकार करने नहीं आएगा बल्कि जानवर एक एक कर के भेजे जाएंगे। ताकि इससे अन्य जानवर बच सके। यह निर्णय शेर को भी बताया गया वे मान गया।
सबसे पहले गधा गया और फिर अगले दिन हिरण, कभी कौआ जाता तो कभी लोमड़ी। सभी जानवर शेर के पेट भरने के लिए जा रहे थे। इसी में एक दिन खरगोश का समय आ गया। अब उसको शेर का भोजन बनने जाना था। अभी जानवर जब शिकार होने जाते हैं, तो सभी का मूहँ उदास सा होता है लेकिन खरगोश मस्ती में जा रहा था।
शेर अकेले खरगोश को आते देख हैरान हो जाता है। शेर खरगोश से मुस्कुराते हुए कहता है। “तू तो बेहद छोटा है, तुझे खाने से मेरा पेट शांत अवश्य नहीं होगा।” यह बात सुनकर खरगोश जोर से हंसा।
उसने कहा “नहीं जनाब, आज जंगल से आपके भोग के लिए 6 जानवर आए थे लेकिन रास्ते में एक अन्य शेर ने उन्हें खा लिया।” शेर हैरान हो गया उसको यह अजीब लगा कि उसके राज में उसके अलावा कोई अन्य शेर उसकी इजाजत के बिना कैसे जानवर खा सकता है।
शेर ने खरगोश से कहा “चलो, तुम मुझ उससे मिलाओ, मैं देखता हूँ।” खरगोश शेर को दूसरे शेर से मिलाने लेकर गया। बल्कि सच्चाई यह थी कि जंगल मे कोई अन्य शेर नहीं था। लेकिन शेर मंदबुद्धि था उसने खरगोश की बात पर यकीन कर लिया।
खरगोश उसे एक कुएं के पास ले गया। कुएं में शेर ने देखा तो उसे अपनी ही छवि दिखाई दी। परन्तु उसे वह छवि दूसरे शेर की लगी। शेर उस पर हमला करने के लिए कूद गया और मर गया।
निचोड़:- समझदार व्यक्ति के पास हर मुसीबत का जवाब होता है। हर मनुष्य चतुर होने का प्रयास हमेशा रखना चाहिए।
#3 Hindi Moral Kahani:- तीन मछलियों की तीन भिन्न सोच
शहर के निकट एक विशाल से समंदर में तीन मछलियां रहती थी। तीनों की भिन्न भिन्न विशेषताएं थी। एक मछली बेहद समझदार थी, वह हर कदम फूंक कर रखती थी। दूसरी मछली चतुर थी, उसे अपने दिमाग पर पूर्ण भरोसा था कि वह अगर किसी मुसीबत में फस भी जाए तो उसे निकलने का अवसर मिल ही जाएगा।
तीसरी मछली भाग्य को ही अपना भविष्य मानती थी। कहती थी कि जो होना है वे होकर रहता है उसे यह लगता था कि उसने कभी किसी के साथ गलत नहीं किया तो उसके साथ भी गलत नहीं होगा। तीनों मछली एक साथ रहती थी। दोस्त थे एक दूसरे के साथ मस्ती भरे समय बिताते थे।
भरा समंदर उनके जैसे अन्य जीवों से भरपूर था। लेकिन उनकी यह शरारत एवं खुशियों पर किसी अन्य की भी नजर थी। यह अन्य कोई दूसरा नहीं बल्कि मछुआरे थे। एक दोपहर कुछ मछुआरे इस समंदर पर अपनी नांव चलाने आए। उन मछुआरों के मध्य एक बात की चर्चा हो रही थी।
जिसमें उन्होने यह मुद्दा उठाया कि समंदर में बेहद ताजा एवं अलग किस्म की मछलियों का जमावड़ा है। अगर वे इनका शिकार करेंगे और मछली मार्केट में बेचेंगे तो काफी मुनाफा होगा। उनकी यह बात पहली वाली मछली ने सुन ली। वे सतर्क हो गई।
उसने जल्दी से मछुआरों के जाने के बाद समंदर के सभी मछलियों को बताया। लेकिन दूसरी मछली ने यह कहते हुए मना कर दिया कि वह किसी से भी नहीं डरती, जो भी उसके सामने आएगा उसे बेवकूफ बनाकर वह उसके चंगुल से निकल जाएगी।
तीसरे वाली मछली ने भी मना कर दिया कारण था कि “मैंने इस समंदर में ही जन्म लिया है, मैं इसे छोड़कर कैसे जाऊंगी, जो भी मेरे भाग्य में लिखा होगा, होना वही है।” पहली मछली ने तो उन्हें सचेत करना था तो उसने कर दिया, अब मानना या न मानना यह मछलियों पर निर्भर था। पहली मछली यह बताकर उस समंदर से जुड़ती नदी में चली गई।
अगले दिन जब मछुआरे मछलियों को पकड़ने आए तब उन्होंने ढेरों मछलियों को अपने जाले का शिकार बना लिया। इन में चतुर मछली एवं भाग्य पर यकीन करने वाली मछली भी थी। चतुर मछली ने अपने चतुर होने का प्रदर्शन किया।
उसने स्वयं को मछुआरों के सामने मरा हुआ और कमजोर पेश किया। मछुआरों को लगा कि इससे कोई मुनाफा नहीं होगा, इसीलिए उन्होंने चतुर मछली को वापस समंदर में फेंक दिया। अब बारी तीसरी मछली की थी। तीसरी मछली नांव पर पानी से बाहर आने के कारण परेशान होने लगी। कूदने लगी। जिससे तंग आकर मछुआरों ने उस मछली को मार दिया।
इस Hindi Short Stories with Moral से सबक:- व्यक्ति को भाग्य से ज्यादा खुद की समझ एवं बुद्धि का इस्तेमाल करना चाहिए, अपने मंजिल तक पहुंचने में मेहनत करनी चाहिए।
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दोस्तों यह Hindi Short Stories with Moral का अंतिम पड़ाव था। उम्मीद है आपने इन कहानियों से बहुत कुछ समझा एवं सीखा होगा। आप ऐसे ही Hindi Short Stories with Moral जैसी अन्य कहानी कथाओं का आनंद हमारे वेबसाइट के विभिन्न पृष्ठ पर देख सकते हैं। हमसे ऐसे ही जुड़े रहें।