आदर भाव से आप सबका हमारी वेबसाइट Hindi DNA में सलाम करते हैं। Hindi Stories with Moral यह विषय भारत वर्ष में बेहत प्रचलित है। कारण यह है कि जीवन में हर व्यक्ति को कभी न कभी अवश्य प्रेरणा की जरूरत रहती है।
हालांकि वह अपने नजरों से तलाश करेंगे तो पाएंगे कि यह प्रेरणा उनके आस पास ही पहरा दे रही है, परन्तु मनुष्य का दिमाग उस गति से सोच नहीं पाता। इसीलिए व्यक्तियों को कहानी का मार्ग ही उत्तम लगता है। इसीलिए आप सभी हमारे वेबसाइट के इस पोस्ट पर Hindi Stories with Moral का जमावड़ा पाएंगे। यह लघु Hindi Stories with Moral के हर पैमाने पर मजबूती से स्थापित करती है।
बढिए और शामिल हो जाइए इन प्रेरणादायक कथाओं में। जो आपको आपके शिशु जीवन में ले जाने के लिए सक्षम हैं।
#1 Hindi Moral Stories:- दो भाई की युक्ति
शहर के बीच में एक महल स्वरूप एक परिवार का घर था। वह परिवार पूरे मोहल्ले एवं पूर्ण शहर में काफी रुतबे वाला था। कहने का अभिप्राय यह है कि यह परिवार शहर का सबसे अमीर घराने से तालुक्कत रखता था। इस परिवार में चार लोग एक साथ रहते थे एक पुरुष एक महिला एवं दो बच्चे।
एक दिवस शहर में किसी शादी के फंक्शन को अटेंड करने के लिए पूरे परिवार को न्योता मिला, परन्तु दोनों बच्चें पार्टी में जाने के लिए इच्छुक नहीं थे। उन्होंने जान कर अपने झूठी बीमारी का बहाना मारा और पार्टी में न जाने की गुहार करी।
दोनों पति पत्नी ने अपने बच्चों की मांग को कबूल किया लेकिन कुछ सावधानी का ध्यान रखने वाले मापदंड को मानने को कहा। जिसमें घर से बाहर नहीं निकलना, बिना जांचे किसी के लिए दरवाजा नहीं खोलना। इतियादी। उन्होंने मुंडी को हिलाते हुए उनकी बात मानने का इशारा किया। उन दोनों के माता पिता तैयार होकर चले गए। घर पर अब सिर्फ दोनों बच्चे एवं एक नौकर रह गया। नौकर भी उनके लिए रात का खाना बनाकर जाने लगा।
नौकर चालाक था उसने बच्चों के घर में अकेले होने की खबर अपने चोर दोस्तों के मध्य फैला दी। बच्चों का नाम सुनकर सभी मानवों को यही लगता है कि यह शारीरिक रूप में इतने शक्तिशाली नहीं होंगे। एक अपने जीवन के आठवें पायदान पर था तो एक 11 वर्ष पूर्व ही धरती पर आया था।
दोनों बच्चें अपने मस्ती में झूम रहे थे। अपनी आजादी का जश्न मनाने में व्यस्त थे। तभी अचानक से घर के दरवाजे पर जोर जोर से ठक ठक की आवाज होती है। दोनों घबरा जाते हैं। वह दरवाजे के दिशा की ओर मुड़ते हैं। दोनों एक साथ पूछते हैं :- “कौन है?”
“मेरे पास तुम्हारे सवाल का जवाब देने का समय नहीं, जल्दी दरवाजा खोलो” नकाबपोश चोर बोलता है। दोनों उस नकाब धारी को देख भयभीत हो जाते हैं।
“भैया हम तो मुसीबत में पड़ गए, इससे बेहतर तो हम मम्मी पापा के साथ पार्टी में ही निकल जाते” छोटा लड़का रोते हुए कहता है। बड़े भाई को भी डर लग रहा था परन्तु छोटे के समक्ष स्वंय का भयभीत रूप प्रस्तुत नहीं कर सकता था।
“दरवाजा नहीं खोलोगे कोई बात नहीं, घर में घुसने के अलग रास्ते भी मौजूद हैं।”चोर ने फिर से कहा। इस बार उसकी ध्वनि में धमकी मौजूद थी। दोनों भाईयों ने डर के कारण एक दूसरे को जोर से गले लगाया।
बड़े ने घर के टेलीफोन से मम्मी और पापा को बारी बारी कॉल किया, लेकिन पार्टी में शोर के कारण उन्हें कॉल की आवाज नहीं सुनाई दी। फिर उनके पास एक युक्ति ने दस्तक दी। उन्हें याद आया कि घर में घुसने का दूसरा रास्ता केवल चिमनी वाली जगह ही है।
उन्होंने बिना देर किए लकड़ी में माचिस जगा दिया। जैसे ही वह चोर उस चिमनी वाले रास्ते से भीतर घुसा वे सीधा आग की लपटों में गिरा। वह दर्द से कराह ने लगा। तभी उसी वक्त दोनों भाइयों की मम्मी पापा घर आ गए और दोनों बच्चों की बहादुरी को शाबाशी दिया।
कहानी से सीख:- अच्छी युक्ति हर वक्त कार्य पूर्ण करती है। मस्तिष्क की ताकत ईश्वर को प्राप्त सबसे बलवान है।
#2 Hindi Moral Stories:- अनेक गुणों में एक श्रेष्ठ
एक वन में शिकारी कुत्तों का आतंक चरम पर था। वे हर शाम अपने शिकार के तलाश में पूरे वन में घुमक्कड़ करते थे। यही कारण था कि हर वन्य जीव उनके आने से पूर्व भिन्न भिन्न जगहों पर खुद को छुपा लेते थे।
एक संध्या काल मे जब शिकारी कुत्तों का शिकार करने का समय समीप आया तो उसी पल वन के एक कोने में एक लोमड़ी एवं एक बिल्ली में वार्तालाप हो रही थी। उनका विषय भी इन्ही कुत्तों के इर्द गिर्द घूम रही थी।
लोमड़ी:-“मुझे यह कुत्ते बिल्कुल भी पसंद नहीं।”
बिल्ली:- “हाँ, मित्र तुमने बिल्कुल सही फरमाया, इन कुत्तों ने तो पूरे वन में अपना कहर ढाया हुआ है।”
लोमड़ी:- “परन्तु इन कुत्तों से बचा जा सकता है, अगर उस जीव के पास तेजी हो एवं मस्तिष्क में सोचने समझने की ताकत हो। जैसे मेरे पास तो इन शिकारी कुत्तों से बचने हेतु तीन रामबाण इलाज हैं।
बिल्ली बेहद प्यार से लोमड़ी से पूछती है उसके तीन उपाय ताकि वे भी अपनी जान बचा सके, क्योंकि समूचे विश्व में मनुष्य को स्वंय की जान की परवाह होती है।
लोमड़ी:- “मैं तुम्हें नहीं बताऊंगा, क्योंकि यह उपाय मात्र बुद्धि व्यक्ति के लिए है, तुम जैसों के लिए नहीं, यह उपाय मेरे लिए ही हैं।”
लोमड़ी अपनी चालाकी पर घमंड कर रहा था।
बिल्ली:- “मेरे पास तो एक ही उपाय है, जैसे ही शिकारी कुत्ते यहाँ पहुंचने वाले होंगे, मैं अपनी तरकीब लगाऊंगा।”
तभी वे शिकारी कुत्तों की टोली इस जगह पहुंचने लगती है। उन कुत्तों को देख बिल्ली अपना मार्ग पेड़ के ऊंचे शाखा तक ले जाती और वहाँ बैठ जाती है। कुत्ते वहाँ नहीँ पहुंच सकते थे। अब वह कुत्ते लोमड़ी के पीछे भागते हैं। लोमड़ी अपने प्रथम उपाय के मुताबिक उन कुत्तों को कांटो वाले पौधों के पास ले जाता है।
वे खुद कांटो के पौधों के ऊपर से कूद जाता है। लेकिन वह पौधों की ऊँचाई इतनी नहीं होती इसीलिए वे कुत्ते भी आसानी से कूद जाते हैं। दूसरे उपाय में लोमड़ी झाड़ियों में छुप जाता है। लेकिन कुत्ते भी चालाक होते हैं वह भी झाड़ियों के इर्द गिर्द ही खड़े रहते हैं कि कभी तो निकलेगा।
फिर लोमड़ी रास्ता निकाल अपने तीसरे उपाय अर्थात गड्ढे में छुप जाता है। परन्तु इस बार भी कुत्तों ने उसे ढूंढ लिया होता है। अब कुत्तों ने लोमड़ी को अपना शिकार कर लोमड़ी को भोजन के रूप में खा लिया। बिल्ली बची रही।
Hindi Stories with Moral की दूसरी कहानी का अभिप्राय:- लोमड़ी के पास कई तरह के उपाय थे, परन्तु बिल्ली के समक्ष मात्र एक ही उपाय की प्राप्ति थी। फिर भी बिल्ली अपनी जान बचाने में सक्षम रही और लोमड़ी को प्राण गंवाने पड़े क्योंकि लोमड़ी के पास तीन उपाय या तीन कला तो थी परन्तु उन तीनों में उसकी पास निपुणता नहीं थी। बिल्ली को एक ही तरीका आता था लेकिन उस तरीके का पूर्ण ज्ञान था।
#3 हिंदी लघु कथा:- चालाकी पर चालाकी भारी
भारत देश में कई वन क्षेत्र बेहद प्रचलित हुए उन्ही में इस सुंदर वाटिका का भी जिक्र खुले तौर पर किया जाता है। यहाँ बड़े बड़े पेड़ पौधे एवं नदी का जमावड़ा लगा होता है। कुदरत ने मानो स्वर्ग यहीं सजाया हुआ हो।
आज इस स्वर्ग में खास मीटिंग का आयोजन हुआ था। जिसका विषय लोमड़ी का चालाकपन था। जैसे हर फ़िल्म में हीरो के साथ विलेन भी होते हैं, ठीक इसी तरह लोमड़ी भी इस वाटिका के जीवों के लिए विलेन था।
कुछ साल को रिवाइंड करें। एक दिवस वह लोमड़ी भोजन की तलाश में बेहद हताश होकर घूम रहा था। तभी उसको पेड़ की ऊंची शाखा पर एक कौआ दिखा, जिसे देख उसका मन ललचाया एवं उसके मन में उस कौए को खाने की तलब जाग उठी। उसने एक तरकीब सूझी उसने उस कौए को बेहद श्रद्धा से सर झुकाते हुए नमस्कार कहा।
लोमड़ी:- “हे मित्र!, मैं तुमसे अब मित्रता करने का इच्छुक हूँ, राजा ने पूरे वन में यह घोषणा करी है कि अब कोई भी जानवर एक दूसरे को नहीं खाएगा।
वह कौआ इस बात में छिपी चालाकी को समझ नहीं पाता और पेड़ के नीचे आ जाता है। एक भी क्षण का इंतजार ना करते हुए उसे खा लिया।
लोमड़ी के इस क्रूर व्यवहार के चर्चे पूरे वन में थे। सभी जीव में उस कौए की मौत का शौक भी जगाया।
लोमड़ी की चालाकी को खत्म करने के लिए सभी जीवों ने युक्ति बनाई। जिसके तहत एक कौआ पेड़ पे बैठ गया। लोमड़ी आज भी कौए को खाने के मूड में था उसने वही बहाना इस बार भी मारा। परन्तु इस बार कौए ने उसे रुकने को कहा और उस लोमड़ी को कहा।
“मित्र, मैं भी तुम्हारे साथ इस फैसले के लिए जश्न मनाने के लिए उत्सुक हूँ मेरे भी कुछ दोस्त आ रहे हैं वह भी तुम्हारे साथ मस्ती के मूड में है। कौए के दो दोस्त शिकारी कुत्ते होते हैं। वह कुत्ते उस पर हमला कर देते हैं।
शिक्षा:- चालाकी ज्यादा समय तक नहीं चलती।
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Hindi Stories with Moral की यह तीन कथाएं आपको जरूर पसंद आई होगी। ऐसे ही कहानियों के दौर से स्वंय को जोड़े रखने के लिए इस वेबसाइट से अपना नाता मजबूत रखें।
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