नमस्कार दोस्तों hindidna.com मे आपका स्वागत है। आज मैं Short Stories in Hindi श्रेणी से एक सीख देने वाली कहानी प्रकाशित करने जा रहा हूँ। कहानी का नाम है भागदौड़ भरी जिंदगी, तो चलिए शुरू करते हैं।
Short Stories in Hindi – भागदौड़ भरी जिंदगी
इंदौर के रहने वाले प्रशांत नाम का एक कपड़े की दुकानदार जो हमेशा 9-10 बजे दुकान बंद करके घर जाते हैं, एक दिन दुकान जल्दी बंद करके जल्दी घर जाने के बारे में सोचते हैं। क्योंकि बहुत महीने हो गए थे उन्होंने अपने बच्चे और बीवी के साथ अच्छे समय नहीं बिताया था।
एक दिन वे शाम को 6 बजे दुकान बंद करके घर जाते हैं ये सोच के की आज बच्चे और बीवी को बिना कहे अचानक सिनेमा दिखाने और खाना खिलाने एक अच्छे restaurant ले जाऊंगा। घर पहुँच के देखते हैं की उनकी बीवी बच्चे को पढ़ा रही हैं। प्रशांत ये देख कर सोचते हैं की चलो जबतक ये लोग पढ़ रहे हैं, मैं अपने लैपटॉप खोल के अपने कुछ काम कर लेता हूँ।
फिर वे अपने रूम जा के लैपटॉप मे कुछ काम करने लग जाते हैं। काम करते करते कब 9 बज गए थे उन्हे पता भी नहीं चला। उतने मे उनकी बीवी उनके लिए खाना रूम ले के आ जाती है। खाना देख कर प्रशांत को काफी अफसोस होता है क्योंकि उनका प्लान था की बच्चे और बीवी को बाहर खाना खिलाने और सिनेमा दिखाने ले जाने वाले थे लेकिन काम मे इतने मशगूल हो गए की कब समय बीत गया पता भी नहीं चला।
जब बीवी पूछी की आज इतने जल्दी क्यों आ गए तब प्रशांत ये भी नहीं बोल पाए की वो उन्हे सिनेमा और खाना खिलाने बाहर ले जाने वाले थे लेकिन काम करते करते कब समय बीत गया उन्हे पता भी नहीं चला। फिर वे मन ही मन सोचने लगे की किसी और दिन मैं इन्हे ले के जाऊंगा।
इस छोटी सी कहानी से हमे ये सोचने मे मजबूर करता है की आजकल हमलोग अपने काम मे इतने मशगूल हो गए हैं की हमे अपनों के साथ कुछ पल बिताने को भी नहीं मिलता। अपने और अपनों की उज्वल भविष्य के लिए हम दिन रात मेहनत कर रहे हैं लेकिन अपनी बर्तमान को भूल जा रहे हैं।
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दोस्तों ये थी Short Stories in Hindi श्रेणी से आज की एक कहानी। आशा करता हूँ की आपलोगों को पसंद आया होगा। अगर पसंद आया है या फिर कुछ सुझाअ देना चाहते हैं तो हमे कमेन्ट करके जरूर बताएं। अगर आप भी अपनी कोई कहानी या फिर आर्टिकल हमारे साइट पर प्रकाशित करना चाहते हैं तो हमे admin@hindidna.com पर मेल करें।