नमस्कार दोस्तों, hindidna.com मे आपका स्वागत है। आज हम आपके लिए Stories in Hindi with Moral पार्ट से एक ऐसी कहानी प्रकाशित करने जा रहे हैं, जो आपको मनोरंजन के साथ साथ सीख भी देगी। कहानी का नाम है “अपमान से सफलताओं की शिखर तक”। तो चलिए शुरू करते हैं।
Stories in Hindi with Moral – अपमान से सफलताओं की शिखर तक
एक गाँव मे एक लड़का रहता था जिसका नाम राजिब था। वो काफी गरीब घर से था, उसके पिताजी दूसरों के घर काम करके परिबार चलाते थे। पढ़ने लिखने मे वो उतना अच्छा नहीं था और ना ही बोल चाल मे अच्छा था। गाँव के लोग उसका मजाक उड़ाया करते थे। बच्चे उसके ऊपर पत्थर मारते थे। ये सब राजिब को बहुत दुखी करता था और इस कारण गाँव मे उसका कोई दोस्त नहीं बन पाया।
धीरे धीरे वो बड़ा हो रहा था। दसवीं और बारवीं का परीक्षा वो जैसे तैसे पास हो गया। लोग हैरान थे की ये पास कैसे हो गया। हालाकी राजिब उतना खुश नहीं था उसको मिले हुए अंक से। लोग उसको बोलने लगे की तू पास कैसे हो गया, तेरा नसीब अच्छा है इसीलिए पास हो गया। ये सब सुन के राजिब बहुत दुखी होता था क्योंकि उसने काफी मेहनत करके जैसे तैसे पास किया था।
लोगों के तिरस्कार के कारण राजिब ठान लेता है की वो जीवन मे कुछ बडा कर के दिखाएगा। अब वो स्नातक की पढ़ाई के साथ सिविल सर्विस की तैयारी करने का सोचता है। लेकिन गरीब परिवार से होने के कारण उसके पास उतना पैसा नहीं था की वो किसी शहर मे जा के सिविल सर्विस की तैयारी करे।
वो निर्णय करता है की शहर मे जा के वो कुछ काम करके अपना खर्चा निकालेगा। फिर वो पास के एक शहर जा के कुछ काम खोजता है लेकिन उसको कुछ काम नहीं मिलता है। फिर वो गाँव आ के स्कूल के छात्रों को ट्यूशन पढ़ाने का सोचता है। लेकिन गाँव के कोई भी माता पिता अपने बच्चों को राजिब के पास पढ़ने नहीं भेजते। अब राजिब फिर से शहर जा के ट्यूशन शुरू करने की कौशिस करता है। काफी कौशिस के बाद कुछ छात्र उसके पास पढ़ने आने लगे। वो काफी अच्छे से पढ़ाने लगता है और धीरे धीरे छात्र की संख्या भी बढ़ने लगी।
अब राजिब की पैसे की समस्या खत्म हो गई। अब वो एक अच्छे कोचिंग जॉइन कर लेता है और सिविल सर्विस की तैयारी जोर सोर से शुरू कर देता है। उसी बीच वो स्नातक की पढ़ाई भी अच्छी अंक से पास कर जाता है। अब सिविल सर्विस परीक्षा भी नजदीक आने लगी थी। वो रात दिन मेहनत करता है और परीक्षा देता है।
लेकिन वो परीक्षा मे असफल हो जाता है। वो काफी दुखी हो जाता है और उसका आत्मविश्वास भी डगमगा जाता है। जब वो गाँव जाता है लोग फिर उसका मजाक उड़ाने लगते हैं। लोग बोलने लगे “जो चीज तुमसे नहीं होगी वो तुम कौशिस क्यों कर रहे थे?” – वो सुन कर राजिब फिर से तैयारी करके दुबारा परीक्षा मे शामिल होने की सोचता है और तैयारी मे जुट जाता है।
अब फिर से अगले परीक्षा मे कुछ अंक के लिए असफल हो जाता है। लेकिन पिछले परीक्षा के मुकावाले उसका प्रदर्शन अच्छा रहता है। राजिब इस बार सोचता है की मुझे और मेहनत करके फिर से अगले साल कौशिस करनी चाहिए क्योंकि मेरा प्रदर्शन सुधर रहा है।
फिर से राजिब तीसरे साल के लिए तैयारी करने मे जुट जाता है। अब तीसरी बार मे वो सफल हो जाता है। वो ज्यादा खुश नहीं होता और ना की गाँव में किसी को बोलता है की वो पास हो गया है क्योंकि वो जानता था की अभी मंजिल थोड़ी और दूर है। अब वो इंटरव्यू की तैयारी भी जोर सोर से शुरू कर देता है और इंटरव्यू मे भी उत्तीर्ण हो जाता है।
राजिब अब एक कलेक्टर बन चुका था लेकिन गाँव मे इस बारे अभी भी किसी को नहीं बताया था। कुछ महीनों बाद वो लाल बत्ती की गाड़ी मे गाँव जाता है कुछ काम से और गाँव मे लोग उसे देख कर हैरान हो जाते हैं। अब लोग उससे अच्छी तरह से बात कर रहे थे और काफी सम्मान दे रहे थे। ये देख कर राजिब मन ही मन सोचता है की अगर ये लोग मेरा मजाक नहीं उड़ाते तो आज मैं कलेक्टर नहीं बन पाता।
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Moral of the story: इस कहानी से हमे ये सीखने को मिलती है की लोग आपकी नहीं, आपकी उपलब्धियों की कद्र करते हैं और एक चीज हमे सीखने को मिलती है की अगर कोई हमारा मजाक उड़ा रहा है तो वो जाने अनजाने मे हमारी भलाई कर रहा है।
दोस्तों ये था Stories in Hindi with Moral पार्ट से आज का कहानी। अगर आप भी अपनी कोई आर्टिकल या कहानी हमारे साइट पर प्रकाशित करना चाहते हैं तो admin@hindidna.com पर हमे मेल करें।