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Children stories in Hindi – कछूया और खरगोश के बीच दौड़

Hindi Child Story - कछूया और खरगोश के बीच दौड़

नमस्कार दोस्तों hindidna.com मे आपका स्वागत है। आज हम Hindi Child Story श्रेणी से एक मजेदार और काफी प्रचलित कहानी प्रकाशित करने जा रहे हैं। कहानी का नाम है कछूया और खरगोश के बीच दौड़। तो चलिए शुरू करते हैं।

Hindi Child Story – कछूया और खरगोश के बीच दौड़

एक जंगल मे एक कछुआ और एक खरगोश रहते थे। कछुआ नदी मे रहता था और खरगोश नदी के पास एक पेड़ के नीचे रहता था। कछुआ कभी कभी नदी से निकल कर पेड़ के नीचे आराम करता था इसी कारण दोनों के बीच दोस्ती हो गई।

खरगोश को अपनी तेज दौड़ने पर काफी घमंड थी। एक बार दोनों बात करते करते खरगोश कछुआ को बोलता है भाई तुम इतने आलसी क्यूँ हो, इतने धीरे क्यों चलते हो? – जिस पर कछुआ शर्म महसूस करता है और दुखी मन से जबाब देता है मैं ऐसे ही चलता हूँ लेकिन बाकी कछुओं से मैं काफी तेज हूँ।

ये सुनकर खरगोश हसते हुए बोलता है अगर तुम पूरी जोर लगाके दौड़ोगे और मैं चलूँगा भी तो मैं तुम्हें दौड़ मे हरा दूंगा और बोलता है चलो फिर एक दौड़ हो जाय, देखतें हैं कौन जीतता है।

दोनों ने तय किया की कुछ दूरी पर स्थित पहाड़ी पर जो पहले पहुंचेगा वो जीतेगा। कछुआ और खरगोश के बीच अब एक दौड़ शुरू होता है। खरगोश काफी जोर से दौड़ता है और कछुआ खरगोश के मुकावले काफी धीरे चलता है। खरगोश कछुआ की दौड़ देख कर सोचता है ये तो मेरे से कभी जीत नहीं सकता मैं थोड़ा आराम कर लेता हूँ।

फिर खरगोश पेड़ के नीचे बैठ जाता है और कुछ देर बाद उसकी आँख लग जाती है। कछुआ कुछ देर बाद खरगोश को पेड़ के नीचे सोते देख चुपचाप आगे बढ़ जाता है। कुछ देर बाद जब खरगोश का आँख खुला तो वो देखता है की कछुआ आस पास नहीं था और फिर वो उस पहाड़ की तरफ भागता है और जाके देखता है की कछुआ वहाँ पहले से पहुँच चुका था।

खरगोश कछुआ को जीतते हुए देख कर काफी शर्म महसूस करता है और कछुआ से माफी माँगता है क्योंकि उसने कछुआ की धीमे चलने के कारण काफी मजाक उड़ाया था।

Moral of the Story: इस कहानी से हमे ये सीखने को मिलता है की हमे कभी भी किसी चीज पर घमंड नहीं करनी चाहिए और कभी किसी का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए।

दोस्तों ये थी Hindi Child Story श्रेणी से आज की Kids moral story. आशा करता हूँ आपलोगों को कहानी अच्छा लगा होगा और साथ मे कुछ सीखने को भी मिला होगा।

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